भीम और उसकी विस्मयकारी यात्राएं अब एनिमेशन सीरीज में- VOL .1
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साल पहले जब पांडव द्रौपदी व् अपनी
माता सहित अज्ञातवास बिता
रहे थे,एक दिन
द्रौपदी जब वन विहार
कर रही थी तो अचानक
कहीं से एक पुष्प
वहां आ गिरा।
उत्सुकता वश द्रौपदी ने वह पुष्प तुरंत उठा लिया क्योंकि पुष्प अदिवित्य था और आलौकिक प्रकाश से जगमगा रहा था तथा वहां का समस्त वातावरण मनमोहक खुशबू से भर गया। तब द्रौपदी ने भीम से उन जैसे और पुष्पों की इच्छा व्यक्त की उसकी इच्छा जान कर भीम तुरंत ही उन पुष्पों की खोज में चल पड़े,परंतु इस खोज यात्रा के दौरान उन्हें बहुत सी कठिनाइयों और दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ा जिसके परिणाम स्वरुप वे अति क्रोधित होने लगे, कठिनाइयों का सामना करते हुए उनकी जादुगरनी कुशाला से अत्यंत रोमांचक मुठभेड़ हुई परंतु उससे पहले उनकी भेंट एक जीर्ण और बूढ़े वानर से हुई जो अपनी लंबी पूंछ रास्ते में फैलाकर आराम कर रहा था,क्रोध में भरे भीम ने उसे अपनी पूंछ हटाने को कहा परंतु बूढ़े वानर ने उन्हें कहा कि वह स्वयं पूँछ को हटा कर आगे निकल जाए। भीम अपने समस्त बल का प्रयोग करके भी उस पूँछ को
तिल भर न हटा सके और आवेश में आ कर उसने बूढ़े वानर को अपशब्द कहे और युद्ध के लिए ललकारा। तब बूढ़े वानर का आकार अप्रत्याशित रूप से बढ़ने लगा और अति विकराल हो गया।
क्या भीम उस पर विजय प्राप्त कर पाए?
भीम को कैसी मुसीबतों का सामना करना पड़ा?
क्या भीम दिव्य पुष्प प्राप्त कर सके?
इन सब प्रश्नों का उत्तर आपको मिलेगा भीम और उसकी
विस्मयकारी कहानी श्रृंखला में जो बहुत ही जल्द एनीमेशन सीरीज के रूप में आ रही है।
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